Saturday 5 December 2015

फेसबुक का कीड़ा

खोल के देखी आज अपनी ' दिवार '
" किड़े " लग चुके थे....
ये सजा थी कि
हकिकत बयाँ करती
एक " तस्वीर "
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बहुत दिनों बाद आज 
लिख रहा हु 
क्या करे कलम से 
लिखने वाले हाथ अब
टाईपिंग की गन्द पहचानते है...
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रचनाकार: दिनेश नयाल
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित
उत्तराखंड पौडी गढवाल