खोल के देखी आज अपनी ' दिवार '
" किड़े " लग चुके थे....
ये सजा थी कि
हकिकत बयाँ करती
एक " तस्वीर "
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बहुत दिनों बाद आज
लिख रहा हु
क्या करे कलम से
लिखने वाले हाथ अब
टाईपिंग की गन्द पहचानते है...
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रचनाकार: दिनेश नयाल
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित
उत्तराखंड पौडी गढवाल
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