साहित्यकार बनने से पहले साहित्य पढ़ो और सीखो..
मैं अच्छा लेखक तो नहीं अच्छा पाठक अवश्य हूँ,
शब्दों का जाल बुनना और पाठकों को आकर्शित करना अच्छा लगता है।
Tuesday, 18 February 2014
पर्यावरण ( एक व्यंग्य )
उसने अपने घर के बाहर लगा एस वृक्ष काटा और बना ली दुकान अब तम्बाकू के पौच और सिगरेट बेचकर घर चलाता है वह और उसके ग्राहक धुआं उराते. और,, हुए पर्यावरण के खराब होने पर चिन्ता जताते हैं।
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