Wednesday 21 March 2012

पश्चिमी सभ्यता के दुष्प्रभाव और अच्छे प्रभाव

मैं पश्चिमी सभ्यता के दुष्प्रभाव और अच्छे प्रभाव की सूची बना रहा हूं और मैं चाहता हूं आप उस सूची के आधार पर अपना विचार प्रकट करे। पश्चिमी सभ्यता के अच्छे प्रभाव: 1) पश्चिमी सभ्यता से हम प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में कदम रख पाए है अब भातीय भी बिना संकोच किये आगे बढ रहे है। 2) आज औरत भी अपने विचार प्रकट कर सकती है और घर की चाहरदीवारी से बाहर निकल पाई है। इसके अलावा पश्चिमी सभ्यता के कोई और अच्छे प्रभाव नहीं नजर आते। अब एक नज़र पश्चमी सभ्यता के दुष्प्रभावो पर : 1) संयुक्त परिवार खत्म हो चुके है, सभी अलग रहना पसंद करते है। बच्चे अपने नजदीकी रिश्तेदारों तक को नही पहचानते| लोग रिश्तो के महत्व को भूलते जा रहे है। 2) आज की युवा पीढ़ी केवल अपने बारे में सोचती है,वह बहुत स्वार्थी हो गयी है। 3) आज की युवा पीढ़ी परिवार के साथ समय व्यतीत करके आनंद लेने के बजाय दोस्तों के साथ समय व्यतीत करना अधिक पसंद करती है। 4) डिस्को, पब, शराब, सिगरेट आदि पीना जीवन शैलीके अंग बन गये है। 5) नाबालिग लड़का,लडकी,यौन सम्बन्ध स्थापित कर रहे है। 6) पैसो को रिश्तो से अधिक महत्व दिया जा रहा है। 7) जंक फ़ूड हमारे रोंज के खाने में शामिल हो गया है। 8) अंग प्रदर्शन सिनेमा से निकल आम लोगों की जिंदगी में शामिल हो गया है। 9) इंटरनेट के प्रयोग से अश्लीहलता बढ् गयी है। 10) बच्चे अपने माता-पिता को बोझ समझने लगे है और उन्हें वृदाश्र्म में छोड़ना अधिक पसंद करते है। 11) प्रात: काल की सैर, व्यायाम, योग आदि दिनचर्या से खत्म हो गये है। 12) घर में दादा-दादी के ना होने के कारण बच्चो में संस्कारों का अभाव है। उन्हें सही गलत में अंतर नही मालूम,अपने से बडो का आदर करना भूल रहे है। भारत वो देश है जहा गाय को भी गोउ माता कह कर पूजा जाता है और उसी देश के वासी पूजनीय माता-पिता को वृदाश्र्म में छोड़ देने की सोच रखने लगे है। जंक फ़ूड का सेवन बहुत अधिक हो रहा है जो सेहत के लिए बहुत नुकसान दायक है, आजकल छोटे-छोटे बच्चे गंभीर रोगों से ग्रस्त हो रहे है। लोग व्यायाम व योग आदि को भूल गये है कोई भी बीमारी हो बस दवाईयों का प्रयोग करना अधिक अच्छा समझते है। जहां पहले ये कहा जाता था EARLY TO BED AND EARLY TO RISE MAKES A PERSON HEALTHY, WEALTHY AND WISE. लेकिन आज की युवा पीढ़ी ने यह कहावत ही बदल दी है अब अक्सर उन्हें ये कहते हुए सुना जाता है- LATE TO BED AND LATE TO RISE, MAKES A PERSON HEALTHY, WEALTHY AND WISE. अब यह पश्चिमी सभ्यता नहीं है तो क्या है? इसी को अपना कर आज भारतीय भी ऐसे-ऐसे रोगों से घिर गये है जिन रोगों का नाम केवल पश्चिम देशो में ही सुना जाता था| यही वह भारत देश है जहा पर लडकी बिना दुपट्टे के घर के आदमियों के सामने भी नही आती थी और अब पश्चमी सभ्यता का रंग इतना छाया हुआ है की खुले आम अंग प्रदर्शन कर रही है, टीवी पर उन चीजों (कॉन्डम, ब्रा, पैड) के विज्ञापन (advertisements ) दिखाई जाती है जिन्हें पहले कहने में भी संकोच किया जाता था और अब पूरा परिवार एक साथ बैठकर इन्हें देखता है। क्या यह हमारी संस्कृति है? बुरी संगत का यही असर होगा। अब संयुक्त परिवार नहीं होने से बच्चे अपने आपको तन्हा महसूस करते है और गलत आदतों का शिकार हो जाते है| घर पर दादा- दादी, अंकल-आंटी भी नहीं होते जो माँ-बाप की गैरहाजरी में उनपर नज़र रख सके और बच्चे आज़ादी का गलत फायदा उठाते है, अकेलापन दूर करने क लिए नशे को अपना साथी चुनते है। अपना समय व्यतीत करने के लिए इन्टरनेट का अधिक प्रयोग करते है, जो केवल शारीरिक समस्याएं उत्पन नही करता बल्की अश्लील तस्वीरे व फिल्में युवा पीढ़ी के दिमाग एवं मन पर भी बुरा प्रभाव डाल रही हैं। कम्प्यूटर हमेशा घर के उस कमरे में होना चाहिए जहां बच्चो के अलावा अन्य लोग भी स्क्रीन पर चल रहे प्रोग्राम को देख सके। ताकि इन्टरनेट का गलत प्रयोग ना किया जा सके। कहने का साफ़ तात्पर्य यह है की किसी भी सभ्यता से गुण व अवगुण सीखना हमारे अपने हाथ में है। अपने संस्कारो के साथ सभ्य व्यक्ति बनना कोई कठिन कार्य नही है, हम भारतीय चाहे तो हम स्वयम और अपनी आने वाली पीढ़ी को भारतीय संस्कारो के साथ आज की प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया का सामना करते हुए संस्कारी,सभ्य व सफल व्यक्ति बना सकते है।

8 comments:

Unknown said...

i don 't think that western culture has only 2 good effects .There are many other good effects of western culture.....

Unknown said...

it is very helpful !

RINKY SINGH said...

It is very good to see what is good things for this and what is bad things for this

RINKY SINGH said...

Yes it is Vaishnavi Singh her

Unknown said...

It was very nice and was clear to point

... said...

पश्चिमी संस्कृति के ऊपर बहुत ही सुन्दर लेख है मोहदय Bhartiya samaj ke upor pacchimi sanskriti ka prabhw

Unknown said...

Good

Thanks for your help

Team The Inked Perceptions said...

Please comment those all benefits