Saturday 14 July 2012

बचपन की यादे —



क्या आप इन्ही में से किसी कविता में अपना बचपन खोया हुआ देख पाते है ?


मछली जल की रानी है,
जीवन उसका पानी है।
हाथ लगाओ डर जायेगी
बाहर निकालो मर जायेगी।
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पोशम्पा भाई पोशम्पा,
सौ रुपये की घडी चुराई।
अब तो जेल मे जाना पडेगा,
जेल की रोटी खानी पडेगी,
जेल का पानी पीना पडेगा।
डाग डाग डाग थै थैयाप्पा
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आलू-कचालू बेटा कहाँ गये थे,
बन्दर की झोपडी मे सो रहे थे।
बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,
पापा ने पैसे दिये हंस रहे थे।
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आज सोमवार है,
चूहे को बुखार है।
चूहा गया डाक्टर के पास,
डाक्टर ने लगायी सुई,
चूहा बोला उईईईईई।
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झूठ बोलना पाप है,
नदी किनारे सांप है।
काली माई आयेगी,
गला काट ले जायेगी।
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चन्दा मामा दूर के,
पूए पकाये भूर के।
आप खाएं थाली मे,
मुन्ने को दे प्याली में।
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तितली उड़ी,
बस मे चढी।
सीट ना मिली,
तो रोने लगी।
ड्राईवर बोला, आजा मेरे पास,
तितली बोलीहट बदमाश
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द्वारा:-दिनेश नयाल

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