Saturday 16 June 2012

गढ़वाली शायरी

स्याण चांदु छो पर नींद नी आंदी चा, 
करवट बदल - बदली की यनी रात कटे जांदी चा, 
कोर भी दे प्यार कु इजहार ए सोँजड़्या, 
आखर किले छे तु इतगा सतोणी …

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