Friday 10 February 2012

शुभ रात्रि

चलो मित्रो अब चलते है
कुछ सपने देखते है
रात को प्रेम और आनंद से बिता देते है... आप भी सोचे कितना थक गए है हम
अब इस थकान को जड़ से मिटा देते है ताकि सूरज की पहली किरण के साथ फीर एक नयी शुरुवात हो
जीत ले सारी दुनिया ऐसा आत्म विश्वास हो
आज की हार को भूल जाये हम कल की जीत के लिए हो तैयार हम

शुभ रात्रि

(रचनाकार: दिनेश सिंह नयाल )
9.2.2012
सर्वाधिकार सुरक्षित एवं प्रकाशित

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