चलो मित्रो अब चलते है
कुछ सपने देखते है
रात को प्रेम और आनंद से बिता देते है... आप भी सोचे कितना थक गए है हम
अब इस थकान को जड़ से मिटा देते है ताकि सूरज की पहली किरण के साथ फीर एक नयी शुरुवात हो
जीत ले सारी दुनिया ऐसा आत्म विश्वास हो
आज की हार को भूल जाये हम कल की जीत के लिए हो तैयार हम
शुभ रात्रि
(रचनाकार: दिनेश सिंह नयाल )
9.2.2012
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